नई दिल्ली: भवन एवं जमीन जायदाद क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार घर खरीदने वालों के लिए ऋण की ब्याज दर पर आयकर के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का लाभ देने और सस्ते घरों के विकास पर टैक्स प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा आरईआईटी को लाभांश वितरण कर से छूट दी गई है।
सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी वाली योजनाओं समेत केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी योजना के तहत 60 वर्ग मीटर तक के सस्ते घरों के निर्माण पर सेवाकर से भी छूट दे दी है। रीयल एस्टेट क्षेत्र, विशेष तौर पर आवास खंड में पिछले दो-तीन साल में भारी नरमी दिखी है, जिससे उपभोक्ताओं को परियोजनाओं की आपूर्ति में बहुत देर हो रही है और बगैर बिके घरों की तादाद बढ़ रही है।
सस्ते घरों को प्रोत्साहन को प्रमुख क्षेत्र करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अगले वित्त वर्ष के दौरान 35 लाख रुपये तक के लोन पर 50,000 रुपये के अतिरिक्त ब्याज पर सालाना कर कटौती का प्रस्ताव करता हूं, बशर्ते घर की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक न हो। फिलहाल होम लोन के ब्याज के संबंध में 2,00,000 रुपये की कटौती का प्रावधान है।
व्यक्तिगत करदाताओं को राहत देते हुए जेटली ने कर कटौती की सीमा बढ़ाकर 60,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी जो आवास ऋण पर फिलहाल 24,000 रुपये है। यह लाभ ऐसे करदाताओं को मिलता है, जिन्हें नियोक्ताओं से आवास भत्ता नहीं मिलता।
सस्ते घरों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए उन्होंने चार महानगरों में 30 वर्ग मीटर और अन्य शहरों में 60 वर्ग मीटर तक के फ्लैट के लिए आवास परियोजना से होने वाले फायदे पर 100 प्रतिशत कर कटौती का प्रस्ताव है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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